Hindi VS Hinglish – ब्लॉगिंग का एक सबसे बड़ा टर्म है की ब्लॉगिंग हिन्दी मे करे या हिंगलिस मे तो आज हम पूरा डीटेल मे जानने वाले है की अगर आप एक ब्लॉग स्टार्ट करना चाहते है तो आपको मालूम हो की कौन भाषा ( Hindi Vs Hinglish ) आपके लिए बेस्ट है और इसमे आपको अपना ब्लॉग स्टार्ट कर देना चाहिए।

हिन्दी भाषा ( Hindi ) क्या है?
हिंदी एक प्रकार के भारतीय भाषाएं है जो कि लगभग सभी लोग जानते हैं लिखना और पढ़ना दोनों, और जैसा कि हम जानते हैं कि कुछ दिन पहले गूगल वैसे पोस्ट को प्रेफर कर रहा था जो कि हिंदी में हो क्योंकि गूगल के बाद हिंदी में कंटेंट ज्यादा नहीं था जिसके कारण और लोगों का क्यूरी सॉल्व नहीं कर पा रहा था।
हिन्दी ( Hindi ) भाषा मे ब्लॉगिंग क्यों करना चाहिए ?
हिन्दी भाषा मे ब्लॉगिंग करने से निमलिखित फायदा हो सकता है और हो रहा है –
- अगर आपका टारगेट ऑडियंस भारतीय है तो आपको हिन्दी मे लिखना चाहिए क्योंकि हम सभी जानते है की हमारा मातृ भाषा हिन्दी है और जिसको सभी लोग जानते है । अब ऐसे मे लोग जब हिन्दी जानते है तो वो गूगल मे भी हिन्दी मे ही टाइप करेंगे या सर्च करेंगे तो वहाँ पर आपका ब्लॉग पर ट्राफिक आएगा ।
- हिन्दी मे ब्लॉग अभी कम है जिसमे आपको काम्पिटिशन कम देखने को मिलेगा।
- हिंदी में ब्लॉग सिर्फ और सिर्फ भारतीय लिख सकते हैं इसलिए इसमें आपको कंपटीशन कम देखने को मिलेगा।
- भारत में ज्यादा लोग गांव से बिलॉन्ग करते हैं और 2016 मे जियो आने के बाद लोगों के पास मोबाइल हो गया है उनको अगर कुछ सर्च करना होता है तो वह गूगल में बोलकर सर्च करते हैं मतलब कि वॉइस सर्च करते हैं और वो हिंदी में होता है इसलिए अगर आपका कंटेंट या ब्लॉग हिंदी में रहेगा तो उसपर ट्राफिक आएगा ।
- अगर आप हिंदी में ब्लॉग लिख रहे हैं तो वहां पर आप इंग्लिश वर्ड का को भी टारगेट कर सकते हैं और उसमें लास्ट में इन हिंदी जोड़ देना है जिसके कारण लग जाए की आपका ब्लॉग हिन्दी ( Hindi ) मे लिखा हुआ है। जो की सभी लोग आजकल टारगेट कर रहे है।
हिंगलिश ( Hinglish) भाषा क्या है ?
हिंगलिश हिन्दी का ही रूपांतरण है जिसमे आपको हिन्दी वर्ड को ही अंग्रेजी मे लिखना होता है जैसे की आपका नाम आप हिंगलिश मे लिखते है – Manish Kumar Mishra ये एक हिंगलिश वर्ड मे लिखा हुआ है । जिसका मतलब तो बिल्कुल हिन्दी मे होता है लेकीन वो एबीसीडी वाले फोरम मे होता है। इसलिए इसको हिंगलिश कहते है।
हिंगलिश ( Hinglish ) मे ब्लॉगिंग करने के फायदे क्या है?
- हिंगलिश मे ब्लॉग लिखने से ये फायदा है की लोग हिंगलिश मे ही लिख के सर्च करते है जैसे की Hindi VS Hinglish, Blogging Kisme Karna Chahiye? तो ये जो लिखा हुआ है वो हिंगलिश मे लिखा हुआ है । और लोग ऐसे ही सर्च करते है क्योंकि ये जरूरी नहीं है की सभी लोगों को हिन्दी मे लिखना और पढ़ना आता ही हो।
- हिंगलिश का कीवर्ड SEO के लिए अच्छा होता है और ज्यादा सर्च इसी मे मिलता है।
- ज्यादातर लोग सोशल मीडिया पर हिंगलिश का ही उपयोग करते है ताकि इसमे शॉर्ट लिख सके और अपना भाषा से लोगों को समझा सके की वो क्या बोलना चाहते है । लेकीन वही हिन्दी मे शॉर्ट लिखना शुरू कीजिएगा तो उसका मीनिंग ही बदल जाता है।
- हिंगलिश मे टायपिंग करना आसान होता है क्योंकि अब जो भी मोबाईल आता है उसमे जो कीबोर्ड इंस्टॉल रहता है उसमे सिर्फ हिंगलिश ही लिख सकते है।
- अगर आप हिंगलिश लिखते है तो वैसे लोगों को फायदा हो जाएगा जो की हिन्दी लिखना और पढ़ना नहीं जानते है। जैसे की बंगाल मे ज्यादातर लोग बंगाली मे ही बात करते है और उनको हिन्दी मे पढ़ना लिखना नहीं आता है तो वो हिंगलिश मे लिख कर काम चला सकते है । ये सिर्फ बंगाल के लिए नहीं बल्कि पूरे देश के लिए सही रहता है।
तो ये था आपका परैमिटर जिसके द्वारा आप जान सकते है की आपका ब्लॉगिंग किस लैंग्वेज मे होना चाहिए और करना चाहिए ।
और अगर आप हिन्दी मे आर्टिकल लिखना चाहते है और आपके पास टूल नहीं है तो आप नीचे दिए गए आर्टिकल से उसका हेल्प ले सकते है –
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Conclusions Of Hindi Vs Hinglish
दोस्तों आशा करता हूँ की आपको अब पता चल गया होगा की Hindi Vs Hinglish ( हिन्दी Vs हिंगलिश ) दोनों मे से किसमे आप अपना ब्लॉग पोस्ट बना सकते है या ब्लॉगिंग कर सकते है। और अगर इससे रिलेटेड किसी भी प्रकार के आपके मन मे डाउट हो तो नीचे कॉमेंट मे जरूर पूछना।
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Good post. I’m dealing with many of these issues as well..