Domain Meaning In Hindi – दोस्तों अगर आप एक वेबसाईट या फिर ब्लॉग बनाने जा रहे हो तो उसमे डोमेन का अहम भूमिका रहता है और अगर आपको उसके बारे मे नहीं मालूम है तो इस आर्टिकल को अंत तक पढे जिससे की आप डोमेन से रिलेटेड सभी बातों को जान सकेंगे।

Domain Meaning In Hindi
डोमेन एक प्रकार का अड्रेस होता है जो की आपका ब्लॉग या फिर वेबसाईट का फिज़िकल अड्रेस होता है जो आपको इंटरनेट मे एक पहचान देता है जिसके मदद से अगर आपका कोई नाम गूगल पर सर्च करता है तो वहाँ पर आपका वेबसाईट दिखने लगता है।
सबसे खास बात ये है की आपका अड्रेस सिर्फ और सिर्फ आपका अड्रेस रहता है जब तक आप उसको रेंट देते रहोगे। मतलब जब तक आप डोमेन के लिए पैसे देते रहोगे तब तक आपका अड्रेस ( Domain ) दुनिया के किसी आदमी के पास नहीं होगा।
इसका उदाहरण ये है की मानिए की आपका के गाँव मे आप ही एक आदमी है जिसका नाम मोनू है और अगर बाहर से कोई व्यक्ति आता है और आपके गाँव के किसी भी व्यक्ति से पूछता है की मोनू किधर रहता है? तो लोग उसको आसानी से बता सकते है की यहाँ रहता है।
बिल्कुल उसी तरह डोमेन, इंटरनेट मे आपका पहचान देने का काम करता है। और ये सभी ब्लॉगर या फिर वेबसाईट के लिए बहुत जरूरी है क्योंकि इसी के द्वारा आपका बिजनस या वेबसाईट का अलग पहचान होगा।
सिम्पल भाषा मे कहे तो Domain Means किसी वेबसाईट के फिज़िकल अड्रेस को डोमेन कहते है और इसको कोई कॉपी नहीं कर सकता है।
तो अभी आप जान गए की Domain Meaning In Hindi OR What Is Domain In Hindi।
डोमेन नाम की आवश्यकता क्यों होती है ?
डोमेन नाम की आवश्यकता इसलिए होती है क्योंकि जब आप अपना ब्लॉग का वेबसाईट या फिर बिजनस का वेबसाईट बनाते है तो उसमे आपको अपना एक अड्रेस देना जरूरी होता है जिससे की लोग आप तक पहुच जाए।
जैसे की अगर आप कोलकाता मे रहते है और आपके गाँव से कोई आना चाहता है आपसे मिलने तो बिना अड्रेस के कैसे मिल पाएगा तो इसलिए आपको अड्रेस की जरूरत पड़ती है ताकि लोग आसानी से आपके पास आ सके।
.COM और .IN डोमेन मे क्या अंतर है?
- दोनों ही टॉप लेवल डोमेन है। जिसको रैंक आसानी से मिलता है।
- .COM डोमेन .IN डोमेन से ज्यादा महंगा होता है।
- .COM डोमेन का Extension यूनाइटेड स्टेट मे रहने वाले ऑडियंस को टारगेट करने के लिए है लेकिन वही अगर .IN डोमेन की बात आए तो ये इंडिया के ऑडियंस को टारगेट करने के लिए बनाया जाता है। पर इसका मतलब ये नहीं है की अगर यूनाइटेड स्टेट से कोई .IN डोमेन को खोजेगा तो उसको नहीं मिलेगा।
क्या ब्लॉगर पर कमाई करने के लिए डोमेन लेना जरूरी है?
देखिए ये साइट साइट पर Depend करता है जैसे की अगर आप वॉर्डप्रेस पर वेबसाईट बनाते है तो इसमे आपको डोमेन हर हाल मे चाहिए लेकिन वही अगर आप ब्लॉगर पर बनाना चाहते है तो उसमे आपको डोमेन की जरूरत नहीं पड़ती है और आपका फ्री मे वेबसाईट बन जाता है।
लेकिन डोमेन लेना जरूरी इसलिए है की आप कब तक अपने subdomain मे काम करते रहोगे? क्या आप नहीं चाहेनगे की आपका भी अलग लेवल का वेबसाईट हो जिसका नाम हो और उस वेबसाईट के नाम के चलते आपको जाने।
इसलिए अगर आप ब्लॉगिंग मे अपना कैरियर बनाना चाहते है तो आपको एक डोमेन की बहुत ज्यादा जरूरी है और अगर आप ब्लॉगर और वॉर्डप्रेसस मे अंतर जानना चाहते है वेबसाईट बनाने के लिए तो नीचे दिए गए लिंक से पढ़ सकते है।
Subdomain Kya Hai?
सबडोमेन एक प्रकार के डोमेन है जिसको आपको एक इक्स्टेन्शन के रूप मे देख सकते है और यही इक्स्टेन्शन को सबडोमैन कहते है जैसे की अगर आप ब्लॉगर पर वेबसाईट बनाए है तो उसमे .Blogspot.com एक सबडोमेन के साथ आपका वेबसाईट बनता है।
वैसे ही अगर आपका वेबसाईट वॉर्डप्रेस पर है तो उसमे आप सबडोमेन अपने वेबसाईट के बना सकते है जैसे की bio.hindimemaster.in ये एक प्रकार के सब डोमेन है जिसका उपयोग मैं खुद अपने वेबसाईट मे दूसरे के बारे मे बायो लिखने के काम मे लेता हूँ।
जो की एक अच्छा तरीका है की आपको नया डोमेन लेने की जरूरत नहीं है और आप फ्री मे आसानी से सबडोमेन की मदद से अपने लिए वेबसाईट क्रीऐट कर लिए।
फ्री डोमेन कैसे ले सकते है ?
अगर आप गूगल पर सर्च करते है की फ्री डोमेन नेम रेजिस्ट्रैशन तो आपको ढेर सारी वेबसाईट मिल जाएगी जिससे की आप फ्री मे डोमेन ले सकते है लेकिन उसका भी वलिडिटी रहता है जिसके मतलब है की एक साल के बाद आपको उसको पैसा देकर purchase करना पड़ेगा।
आप देखते होंगे की .tk इक्स्टेन्शन के साथ वेबसाईट आता है जिसमे वो फ्री मे होता है लेकिन वही अगर उसका 1 साल हो जाता है तो उसको उसके लिए चार्ज देना पड़ता है। ये डोमेन उसके लिए है जो फ्री मे पढ़ाई कर रहा है और उसको प्रैक्टिस करना है तब।
अगर आप अपना एक वेबसाईट बना रहे है तो उसमे ये सब डोमेन का उपयोग न ही करे तो बेहतर है क्योंकि इसमे आपको दिक्कत ये आएगी की ये रैंक नहीं होगा और ऊपर से आपको किसी तरह के कोई सपोर्ट नही मिलेगा।
इससे अच्छा है की आप ब्लॉगर के सब डोमेन के साथ जाए जो की .Blogspot.com के साथ आता है जिसमे आपको रैंकिंग भी मिलेगी और बाद मे आपको किसी भी तरह के कोई पैसा नहीं देना होगा।
सस्ता या फ्री वाला डोमेन मे क्या खराबी है ?
सस्ता और फ्री वाला डोमेन मे ये खराबी है की इसमे आपको किसी तरह के कोई सपोर्ट नहीं मिलता है और गूगल ऐसे वेबसाईट को कभी रैंक नहीं करता है और ऊपर से आपको इसमे गूगल अड़सेंस के भी अप्रूवल नहीं देता है।
तो अगर आपको ऐसा वेबसाईट बनाने का ख्याल है तो आप नहीं बनाए क्योंकि इसमे आपका समय की बर्बादी है और कुछ नहीं। और अगर ब्लॉगिंग या फिर वेबसाईट पर काम ही करना चाहते है तो थोड़ा इन्वेस्ट करके आप बढ़िया डोमेन खरीद लो।
क्या हम डोमेन नाम के साथ उसी कंपनी की होस्टिंग न लेते हुए सिर्फ डोमेन नाम खरीद सकते है ?
ऐसा आपको ढेर सारा वेबसाईट मिल जाएगा जो की डोमेन के साथ साथ होस्टिंग भी प्रवाइड करता है । तो सवाल आपके मन मे ये आता है की अगर आप उस वेबसाईट से डोमेन खरीदते हो और होस्टिंग कहीं और से खरीदना चाहते हो तो क्या ये पॉसिबल है ?
जी हाँ दोस्तों ये पॉसिबल है की आप किसी और वेबसाईट से डोमेन और दूसरी वेबसाईट से होस्टिंग खरीद के उसको आप एक दूसरे से कनेक्ट कर सकते हो जो की नीचे मैं बताया हूँ की कैसे आप कनेक्ट कर सकते है।
WordPress से डोमेन कैसे कनेक्ट करे?
WordPress से डोमेन को ऐड करने के लिए आपको नीचे जो जो स्टेप बताया जा रहा है उसको फॉलो करना है।
- सबसे पहले आपको अपने डोमेन प्रवाइडर के वेबसाईट मे लोग इन हो जाना है और उसके बाद आपका उस डोमेन को सिलेक्ट करना है जिसको आपको WordPress से कनेक्ट करना है। अगर आपका एक वेबसाईट है तो उसी पर क्लिक करे और DNS Manage पर क्लिक करे।

- अब आपको होस्टिंग प्रवाइडर के वेबसाईट मे लोग इन कर जाना है। और उसके बाद उस होस्टिंग प्रवाइड के nameserver को पता करना होगा जो की कहीं न कहीं सामने लिखा हुआ होगा।

- अब आपको अपने डोमेन प्रवाइडर के DNS मे उस नेम सर्वर को जाकर डाल देना है और सेव कर देना है।
- उसके बाद कुछ समय के बाद आपका डोमेन आपके होस्टिंग से कनेक्ट हो जाएगा जिसपर आप cPanel की मदद से वॉर्डप्रेस इंस्टॉल कर सकते है।
Blogger से डोमेन कैसे कनेक्ट करे ?
ब्लॉगर से डोमेन को कनेक्ट करने के लिए आपको नीचे बताए गए स्टेप्स को फॉलो करना है । –
- सबसे पहले आपको अपने डोमेन प्रवाइडर के वेबसाईट मे लोग इन कर जाना है उसके बाद उस डोमेन के DNS Manage पर क्लिक करना है।
- अब आपको ब्लॉगर के डैश्बोर्ड मे लोग इन करने के बाद सेटिंग मे जाना है उसके बाद कस्टम डोमेन पर क्लिक करना है और वहाँ पर आपको www.yourdomain.com डालना है और ओके पर क्लिक करना है।
- अब उसके बाद एरर आएगा और डोमेन नाम के नीचे कोड आता है CNAME मे रिकार्ड को ऐड करने के लिए तो उसको आप ऐड कर दे। वहाँ पर आपको 2 कोड आता है और दोनों को बारी बारी से ऐड करना है।
- उसके बाद आपको नीचे दिए गये लिंक पर क्लिक करना होता है और उसमे आपको चार आईपी अड्रेस रहता है उसको ऐड करना होता है आपके डोमेन नाम के A Record मे और उसके बाद 2 3 मिनट के बाद आपका ब्लॉगर से आपका डोमेन कनेक्ट हो जाता है।
डोमेन कैसे चयन करे?
इसके लिए आपको पहले अपने वेबसाईट के नाम के बारे मे सोचना होगा की आपका वेबसाईट का नाम क्या रहेगा और उसके बाद किसी भी डोमेन प्रवाइडर वेबसाईट मे जाना है और वहाँ पर अपना डोमेन नाम को सर्च करना है। उसके बाद अगर आपको लगे की ये बढ़िया डोमेन लग रहा है तो आपको उसको खरीद लो।
जैसे जैसे की आपको अपने वेबसाईट का डोमेन को ऐसा रखना है जैसे की एकदम यूनीक हो और उसको किसी ने पहले नाम नहीं रखा हुआ हो और उसके साथ साथ नाम को आसानी से याद हो जाए ऐसा डोमेन रखना है।
जैसे की अगर आपका वेबसाईट कंप्युटर से रिलेटेड है तो आप डोमेन को Computerwala.com रख सकते है। जिससे की लोगों को जल्दी से याद भी हो जाए और आपका डोमेन एकदम यूनीक भी लगे।
वेबसाईट की डोमेन अथॉरिटी क्या होती है?
वेबसाईट की डोमेन अथॉरिटी उस वेबसाईट की experience क्या है और उसका लोगों के बीच मे कैसा behavior है उससे मापा जाता है और इसका स्कोर 1 से 100 के बीच मे होता है और जिसका स्कोर ज्यादा है उसका अथॉरिटी ज्यादा है और जिसका कम है उसका अथॉरिटी कम है।
ऐसा भी माना जाता है की अगर आपका वेबसाईट का अथॉरिटी ज्यादा है तो गूगल आपके वेबसाईट पर बहुत जल्दी जल्दी क्रॉल करने आते रहता है जिसको की आपका कोई भी पोस्ट को indexing होने मे समय नहीं लगता है।
डोमेन अथॉरिटी लिंक बिल्डिंग से बढ़ते है और आपका कंटेन्ट जेन्युइन और क्रिस्पी होना चाहिए ताकि लोग आपके पोस्ट पर समय बिताए तो इन चीजों को analyze करके आपका वेबसाईट का एक स्कोर मिलता है।
हलाकी गूगल ऐसा कोई टूल नहीं लॉन्च किया है जिससे की जान सके की आपका वेबसाईट का कितना डोमेन अथॉरिटी है लेकिन वही अगर अन्य टूल की बात की जाए तो ubersuggest, ahrefs और MOz आपके वेबसाईट को डोमेन अथॉरिटी चेक करने मे मदद करते है।
सबसे पहले डोमेन अथॉरिटी ये सब के बारे मे बताने वाला या टूल लॉन्च करने वाला Moz है जो की 1 से लेकर 100 के बीच मे आपके वेबसाईट को स्कोर देता है।
किसी भी वेबसाईट के डोमेन अथॉरिटी कैसे चेक करे ?
ऐसे बहुत सारे वेबसाईट है जो की आपको चेक करके बताते है की आपका वेबसाईट का डोमेन अथॉरिटी कितना है बस आपको गूगल मे जाना है और लिखना है DA PA Checker और जिस वेबसाईट से आप चाहो उस वेबसाईट से अपना डोमेन अथॉरिटी चेक कर सकते है।
पर एक बात का ध्यान रहे की ये सभी अपना अपना मेथड रखे हुए है जिससे की सभी का स्कोर चेंज रहता है इसलिए आपको किसी एक वेबसाईट पर बिस्वास रखना है और उसके अकॉर्डिंग काम करना है।
डोमेन का मतलब ये है की इंटरनेट की ये बड़ी दुनिया मे आपका एक पहचान देना जो की कुछ भी हो सकता है और इसका कोई डूप्लकैट नहीं बना सकता है।
डोमेन आप ऐसा रखे जिसमे लोगों को आपका डोमेन आसानी से याद मे रहे और ज्यादा बड़ा नहीं होना चाहिए आपका डोमेन। गूगल पर ऐसा बहुत वेबसाईट है जहां पर आप आसानी से डोमेन खरीद सकते है।
ईमेल पता के डोमेन नाम वो है जिसमे आप अपने डोमेन के साथ कोई वर्ड जोड़ कर एक प्रोफेशनल ईमेल बनाते है जैसे की Contact@hindimemaster.in।
अगर आप एक डोमेन खरीदना चाहते है तो आपको सबसे बढ़िया वेबसाईट खोजना पड़ेगा जो की आपको Hostinger है क्योंकि इसमे आपको हमेशा ऑफर आते रहता है जिसके वजह से आप आसानी से ऑफर का फायदा उठा सकते है।
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Conclusions Of Domain Meaning In Hindi
दोस्तों आशा करता हूँ की अब आपको पता चल गया होगा की Domain Meaning In Hindi OR Meaning Of Domain In HIndi OR Domain Name In HIndi OR What Is Domain In Hindi के बारे मे पूरी की पूरी नालिज को आपको तक शेयर किया हूँ और अगर आपको फिर भी किसी तरह के डाउट हो तो नीचे कमेन्ट जरूर करे।
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